स्कूल में एक छात्रा थी जिसका नाम था मनीषा। वह एक सुंदर और बुद्धिमान छात्रा थी। उसके संग एक छात्र था जिसका नाम था अमित। अमित भी मनीषा के समान सुंदर और बुद्धिमान था। दोनों मिलकर बहुत समय से स्कूल में एक दूसरे के साथ हैं। अमित मनीषा से प्यार करने लगा था लेकिन वह अपने भावनाओं को मनीषा से छुपाने की कोशिश कर रहा था। मनीषा भी अमित से प्यार करने लगी थी, लेकिन वह अपने भावनाओं को अमित से छुपाने की कोशिश कर रही थी।
एक दिन, मनीषा अपने प्रिय परिवार के साथ स्कूल में बहुत ही अच्छा संभवना अमित से मिलने का था। वह अमित से बात करने जाना चाहती थी लेकिन अमित स्कूल में नहीं था। मनीषा अपने संग के दोस्त से पूछने लगी कि अमित कहाँ है। उसके दोस्त ने बताया कि अमित बीमार है और वह अपने घर पर बैठा है। मनीषा अपने दोस्त से धन्यवाद कहती हुई अमित के घर जाने के लिए निकल गई।
जब मनीषा अमित के घर पहुँची, तो वह अमित को बैठे हुए हैरान से देखा। अमित अपने घर में बहुत ही अच्छी तरह से संभवना था। मनीषा अपने स्नेह को छुपाने नहीं हुई और अमित से बोलने लगी कि वह अमित से प्यार करती है। अमित भी मनीषा से प्यार करता था और उसने मनीषा को उसके प्यार की सच्ची जगह बताया। दोनों खुशी से हंसते हुए एक दूसरे के साथ बैठ गए।
मनीषा अपने माँ बाप से अमित के बारे में बताने लगी लेकिन उन्होंने मनीषा को इससे रोक दिया। उन्होंने मनीषा से बताया कि अमित उससे बड़ी उम्र का है और वह उसके लिए सही नहीं है। मनीषा अपने माँ बाप से बेहद नाराज हुई और उन्होंने उन्हें अमित से मिलने देने की माँग की। माँ बाप ने मनीषा को समझाया कि वह अपनी आयु के अनुसार सही विकल्प चुनेंगी।
मनीषा अपनी माँ बाप के संदेहों को सोचती हुई अमित से अलग हो गई। उसके दिल में अमित से भरा प्यार था लेकिन वह अपनी माँ बाप की हकदार थी और उन्होंने अपनी माँ बाप की बात सेमित हो गई। वह अपनी प्यार को छुपा दिया और अपनी जिंदगी में अन्य चीजों से महसूस करने लगी।
समय बीतता गया और मनीषा अपनी जिंदगी में अन्य लोगों से मिलने लगी। अमित भी अपनी जिंदगी में अन्य लोगों से मिलने लगा और दोनों एक दूसरे से दूर हो गए। लेकिन, वे अपनी जिंदगी में एक दूसरे से प्यार करते रहे थे और अपनी प्यार को कभी भुला नहीं सकते थे।
समय बीतता गया और मनीषा अपनी माँ बाप की हकदारी को त्याग दिया और अपने प्यार के साथ होने की सोचने लगी। वह अमित से मिलने जाना चाहती थी और अमित भी मनीषा से मिलने की इच्छा रखता था। उन्होंने एक दूसरे से मिलकर अपनी प्यार की पुष्टि की और अपने जीवन को एक साथ बनाने का फैसला लिया। वे स्वयं से अपने परिवार से इसकी सूचना दी और उनकी स्वीकार्यता के बाद अपनी शादी कर ली।
अब, मनीषा और अमित एक सुंदर और संतुष्ट परिवार के साथ खुशहाल हैं और वे अपने प्यार को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने स्कूल में हुई प्यार से अपनी जिंदगी बनाई है और अब वे स्कूल में हुई यादों को सम्मानित करते हैं। मनीषा और अमित अपने बच्चों से भी अपनी प्यार की कहानी बताते हैं और उन्हें समझाते हैं कि प्यार कितना महत्वपूर्ण है। वे उन्हें संतुष्ट और सुखी परिवार बनाने का सन्स देते हैं और उन्हें सीखाते हैं कि प्यार सच्चा होना चाहिए और संतुष्ट परिवार बनाने के लिए सहयोग और सहमति जरूरी है। मनीषा और अमित अपनी जीवनभर एक दूसरे से प्यार करते रहे और अपने प्यार को सम्मानित करते हैं।
अमित और मनीषा अपने बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें अपने संतुष्ट परिवार से बड़ा करना चाहते थे। वे उन्हें समझाते थे कि प्यार के साथ ही संतुष्टि भी आती है और संतुष्ट परिवार में हमेशा खुशी होती है। बच्चों ने अपने माता पिता की सलाह सेंट प्रशान्ति से लेकर संतुष्टि तक सीखा और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रयास करते हैं। मनीषा और अमित अपने बच्चों को समझाते हैं कि प्यार और संतुष्टि के साथ ही सफलता भी मिलती है और उन्हें अपनी जिंदगी में सुखी होने की सोच बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। मनीषा और अमित अपने बच्चों को समझाते हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रयास करना जरूरी है और सफलता प्राप्त करने के लिए अपने सपनों को पूरा करना जरूरी है।
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